Blackouts(ब्लैकआउट), निकासी, हॉटलाइन(Hotlines): कल के सुरक्षा अभ्यास(Security Drill) का विवरण
इस तरह का अंतिम अभ्यास भारत और पाकिस्तान(India and Pakistan) के बीच 1971 के युद्ध से पहले आयोजित किया गया था, जिसमें पाकिस्तान(Pakistan) की हार हुई थी और बांग्लादेश(Bangladesh) का निर्माण हुआ था।
केंद्र के निर्देशों के बाद, राज्य और केंद्र शासित प्रदेश(Union Territories) कल नागरिक सुरक्षा सुरक्षा अभ्यास(civil defence security drill tomorrow) की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि राज्यों के मुख्य सचिवों(chief secretaries) को केंद्र के निर्देशों में पाकिस्तान के साथ तनाव का उल्लेख नहीं है, लेकिन पहलगाम आतंकी हमले(Pahalgam terror attack) के बाद बढ़े तनाव के बीच आदेश का समय व्याख्या के लिए कोई गुंजाइश नहीं छोड़ता है। पिछली बार ऐसा अभ्यास भारत(India) और पाकिस्तान(Pakistan) के बीच 1971 के युद्ध से पहले आयोजित किया गया था, जिसमें पाकिस्तान(Pakistan) की हार हुई थी और बांग्लादेश(Bangladesh) का निर्माण हुआ था। सुरक्षा अभ्यास(security drill) के बारे में आपको यह जानना आवश्यक है
Pahalgam Terror Attack Live Updates: TRF ने ली आतंकी हमले की जिम्मेदारी
Who Will Be Part Of The Drill(सुरक्षा अभ्यास के बारे में आपको यह जानना आवश्यक है)
गृह मंत्रालय(Ministry of Home) द्वारा राज्यों को भेजी गई अधिसूचना के अनुसार, यह अभ्यास देश के 244 सिविल डिफेंस जिलों(Civil Defence districts) में आयोजित किया जाएगा। इसमें कहा गया है, "अभ्यास का आयोजन गांव स्तर तक करने की योजना बनाई गई है। इस अभ्यास का उद्देश्य सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सिविल डिफेंस तंत्र की तैयारी का आकलन करना और उसे बढ़ाना है।"
अधिसूचना के अनुसार, इस अभ्यास में "जिला नियंत्रक, विभिन्न जिला प्राधिकारियों, नागरिक सुरक्षा वार्डन/स्वयंसेवकों, होम गार्ड (सक्रिय/आरक्षित स्वयंसेवक), एनसीसी(NCC), एनएसएस(NSS), एनवाईकेएस, कॉलेज और स्कूल के छात्रों की सक्रिय भागीदारी" देखी जानी चाहिए।
अधिसूचना में यह भी उल्लेख किया गया है कि नागरिकों को "शत्रुतापूर्ण हमले"(hostile attack) का जवाब देने के लिए प्रशिक्षित() किया जाना चाहिए।
What Are The Objectives(उद्देश्य क्या हैं?)
गृह मंत्रालय(Home Ministry) की अधिसूचना में इस सुरक्षा अभ्यास(security drill) के नौ उद्देश्य बताए गए हैं। पहला उद्देश्य हवाई हमले(attack) की चेतावनी देने(warning systems) वाली प्रणालियों की प्रभावशीलता का आकलन करना है और इसका उद्देश्य हवाई हमले की प्रतिक्रिया के लिए लोगों को तैयार करना है। इस अभ्यास के दौरान वायु सेना(Air Force) के साथ हॉटलाइन और रेडियो संचार लाइनें भी चालू रहेंगी। यह नियंत्रण कक्षों और छाया नियंत्रण कक्षों(control rooms) की कार्यक्षमता का भी परीक्षण करेगा। अधिसूचना में कहा गया है कि नागरिकों और छात्रों को "शत्रुतापूर्ण हमले की स्थिति में" खुद की रक्षा करने के लिए नागरिक सुरक्षा में प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।
प्रशिक्षण में क्रैश ब्लैकआउट(crash blackout) उपाय भी शामिल हैं, जो हवाई हमलों से बचाव के लिए योजनाबद्ध ब्लैकआउट(planned blackouts) पर प्रशिक्षण को संदर्भित करता है। अभ्यास के हिस्से के रूप में, अधिकारी निवासियों से ब्लैकआउट(blackout) की नकल करने के लिए एक निश्चित अवधि के लिए लाइट बंद करने के लिए कह सकते हैं। प्रशिक्षण में महत्वपूर्ण संयंत्रों और प्रतिष्ठानों का छलावरण भी शामिल होगा। इसका मतलब है कि दुश्मन की गोलीबारी से प्रमुख परिसरों - जैसे कि एयरफील्ड, रिफाइनरी और रेल यार्ड - को कवर या ढालने के लिए कदम उठाना। अभ्यास में बचाव दल और अग्निशामकों की तैयारियों और निकासी उपायों की भी जाँच की जाएगी। निकासी अभ्यास नागरिकों को कमजोर क्षेत्रों से सुरक्षित क्षेत्रों में ले जाने के लिए पूर्वाभ्यास होगा। नागरिकों को प्राथमिक चिकित्सा, अग्निशमन और आश्रय तकनीकों का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
India Preps Pahalgam Response(भारत ने पहलगाम पर प्रतिक्रिया की तैयारी की)
पहलगाम आतंकी हमले(Pahalgam terror attack) में 25 पर्यटकों(tourists) और एक कश्मीरी(Kashmiri) टट्टू चालक की निर्मम हत्या कर दी गई थी, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। सरकार(government) ने कड़ी प्रतिक्रिया देने की कसम खाई है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) ने कहा है कि हमले(attack) के अपराधियों और साजिशकर्ताओं को ऐसी सजा मिलेगी जिसकी वे कल्पना भी नहीं कर सकते। पहलगाम हमले(Pahalgam attack) की जांच से पता चला है कि इसमें भी पाकिस्तान(Pakistani) का हाथ है, जैसा कि पहले भी भारतीय धरती पर हुए कई अन्य आतंकी हमलों में हुआ है।
सिंधु जल संधि(Indus Waters Treaty) को निलंबित करने सहित इस्लामाबाद(Islamabad) के खिलाफ कई कूटनीतिक कदमों के बाद, नई दिल्ली अब सैन्य जवाब की तैयारी कर रही है। पिछले कुछ दिनों में प्रधानमंत्री मोदी(Prime Minister Modi), गृह मंत्री अमित शाह(Home Minister Amit Shah), रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह(Defence Minister Rajnath Singh), शीर्ष मंत्रियों(top ministers) और सुरक्षा प्रतिष्ठान के अधिकारियों की कई बैठकें हुई हैं। प्रधानमंत्री(Prime Minister) ने सेना(Army), नौसेना(Navy) और वायु सेना(Air Force) के प्रमुखों और रक्षा सचिव से मुलाकात की है, जिससे अटकलें लगाई जा रही हैं कि पाकिस्तान(Pakistan) के खिलाफ कोई बड़ा कदम उठाया जा सकता है। सुरक्षा समझौते करने के केंद्र के निर्देश जवाबी हमले की तैयारी का हिस्सा प्रतीत होते हैं।
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